Cloud Computing क्या है? Cloud Computing in Hindi

Cloud Computing क्या है
Cloud Computing क्या है


हेल्लो दोस्तों, Cloud Computing इस term को आपने पहले भी कई बार सुना होगा और अगर आप Computer और इन्टरनेट के बारे में थोडा बहुत जानते है तो आपको इसके बारे में थोडा बहुत पता होगा और अगर नहीं भी पता है तो भी कोई बात नहीं क्यूंकि इस पोस्ट में हम इसी के बारे में बात करेंगे और जानेंगे की Cloud Computing क्या है (Cloud Computing in Hindi) इसके क्या फायदे हैं और यह कैसे काम करता है तो इन सभी सवालों को ध्यान में रखते हुए आइये बड़ते हैं।


Cloud Computing क्या है?

Cloud Computing एक ऐसी Technology है जिसका इस्तेमाल करके किसी भी तरह की service को इन्टरनेट के जरिये provide किया जा सकता है वह Service कुछ भी हो सकती है वह फिर चाहे कोई सॉफ्टवेयर हो या server में थोडा सा Storage space दिया जा रहा हो या किसी अन्य प्रकार की सर्विस हो। Cloud Computing का मैंन मतलब यह होता है की यह किसी भी तरह की Computing service इन्टरनेट के जरिये यूजर की demand पर प्रदान करें। इसको सरल भाषा में समझें तो Cloud Computing करना मतलब की इन्टरनेट में किसी सर्वर पर किसी भी तरह का Data रखना या किसी भी तरह का Data किसी service के रूप में इस्तेमाल करना आदि।


Cloud Computing
Cloud Computing



इसका एक बहुत ही बड़ा उदहारण है Facebook दोस्तों आपने Facebook को Use तो किया ही होगा Facebook इसी Cloud Computing का एक बहुत ही बड़ा उदहारण है हम जानते हैं की Facebook को रोजाना करोडो लोग इस्तेमाल करते हैं जिससे Facebook पर काफी सारा Data upload होता है  इन सभी चीजों को मैनेज करने के लिए Cloud Computing Technology का ही इस्तेमाल किया जाता है।


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पहले हम सॉफ्टवेयर केवल अपने local device में ही Install करके चलाते हैं लेकिन अब Internet पर बहुत सारे Software Web Applications के रूप में उपलब्ध है जिन्हे हम किसी भी device से इस्तेमाल कर पाते हैं यह सब Cloud Computing के कारण ही Possible हुआ है।

सामान्तः यहाँ पर Cloud computing के meaning की बात करें तो इसका मतलब निकलकर आता है Internet पर computing या Internet पर किसी भी तरह के Data को Process और Store करना, Cloud computing शब्द में Cloud को Internet या Internet के द्वारा एक्सेस किये जाने वाले servers के लिए इस्तेमाल किया गया है। Cloud Computing में अलग-अलग servers को एक साथ इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें Cloud Computing providers द्वारा manage किया जाता है इन servers में आपका Data हमेशा save रहता है और इसे आप कभी भी कही से भी और किसी भी device से एक्सेस कर सकते हैं।


Cloud computing की शुरुआत 1960 के दशक को मन जाता है तब Internet की ठीक से शुरुआत भी नहीं हुई थी। लेकिन इसकी असली शुरुआत इसके लगभग 30 से 40 साल बाद हुई जब 1990 के दशको में Salesforce नाम की कंपनी ने अपनी वेबसाइट की ही मदद से लोगो को services देना शुरू किया इसके बाद से ही लोगो ने इसको Seriously लिया  और इससे होने वाले फायदों के बारे में सोचना शुरू किया। इसके बाद ही कई बड़ी कंपनियों जैसे Google, Microsoft, Amazon आदि ने इस Field में अपनी services शुरू की।



Cloud Computing के प्रकार

जैसा की हमने पहले भी जाना की Cloud Computing का मतलब होता है इन्टरनेट के जरिये किसी प्रकार की सर्विस प्रदान करना, यहाँ पर हम उन्ही प्रकारों के बारे में बात करेंगे Cloud computing के तीन अलग-अलग प्रकार है इन प्रकारों का मतलब यही है की इन्टरनेट के जरिये आपको किस प्रकार की service प्रदान की जा रही है। तो आइये जानते हैं इन प्रकारों को।



1.) IaaS - Infrastructure as a Service

जैसा की नाम से ही जाहिर है यह Service हमें पूरा Infrastructure देती है जिसमे हमें Stoarge, Software, Computing power और network power सब कुछ मिलता है। इस तरह की service को सामान्तः बिज़नस के लिए इस्तेमाल किया जाता है क्यूंकि यह अपना खुद का सिस्टम बनाने से काफी सस्ती पड़ जाती है और साथ ही इसमें हम बाद में जरूरत पड़ने पर चीजों को अपग्रेड भी कर सकते हैं यह On डिमांड सर्विस होती है। इसका सबसे बड़ा उदहारण है VPS यानी Virtual Private Server जिसमे आपको software और नेटवर्क के साथ साथ computing power भी मिलती है जिसको आप अपनी जरूरत के हिसाब से बाद में और पैसे देकर अपग्रेड करा सकते हैं।



2.) PaaS - Platform as a Service

PaaS में आपको केवल एक Platform मिलता है जिसमे या तो storage या computing power हो सकती है इसमें आप चीजों को पूरी तरह से कण्ट्रोल नहीं करते इन्हें Cloud प्रोवाइडर ही कण्ट्रोल कर सकते हैं इसके आपको अपने आस पास कई सारे उदहारण देखने को मिल जाएंगे जैसे Gmail, Outlook, yahoo mail आदि।



3.) SaaS - Software as a Service

Software as a Service में आपको Remote server पर hosted केवल एक software ही मिलता है जिसका इस्तेमाल किसी निश्चित काम के लिए किया जाता है इस तरह की services को ज्यादातर छोटे बिज़नस काम में लेते है इस तरह की सर्विस में किसी भी तरह का सॉफ्टवेयर हो सकता है जैसे Google docs online या office online इनके अलावा google का Gsuit आदि यह सभी services SaaS के अन्दर आती है।



Cloud Computing कैसे काम करती है?

Cloud Computing में कई सारे Servers यानी Computers जिनपर एक बिशेष software installed रहता है उसे काम में लिया जाता है ये एक से अधिक भी हो सकते हैं इसके कई सारे सॉफ्टवेयर होते हैं Cloud Computer सामान्तः Dual लेयर्स technology पर काम करता है जहाँ Servers को मैनेज करने के लिए एक अलग लेयर होती है जिसे back end कहते हैं और दूसरी जिसे Client इस्तेमाल करते हैं उसे Front end कहते है इसी तरह back end और front end दोनों को मिलकर एक पूरा Cloud computing के लिए server सेटअप होता है।

जिस तरह से Facebook इसमें आप जहाँ से पोस्ट डालते हैं और अपने दोस्तों के साथ chat करते हैं वह Front end है और जहाँ से इसे मैनेज किये जाता है वह backend है।

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Cloud Computing के लाभ | Advantages

दोस्तों, जैसा की हम सभी जानते ही हैं की Cloud computing फिलहाल बहुत ही तेजी से आगे बड रही है और आने वाले कुछ दिनों में यह मार्किट में और भी ज्यादा जगह बना लेगी क्यूंकि इस technology के फायदे ही कई सारे है जिनमे से कुछ इस प्रकार है।


1.) ज्यादा Processing power

Cloud कंप्यूटिंग में आप जितनी चाहे उतनी processing power खरीद सकते हैं और इसमें आपको compromise करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी इसमें आपको अपनी जरूरत के हिसाब से चीज़े उपलब्ध हो जाया करेंगी और आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसे बढाकर और भी ज्यादा प्रोसेसिंग पॉवर खरीद सकते हैं। इसमें आपको Processing की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं रहती आपको जितनी processing power चाहिए बस उतनी के लिए ही पैसे देने पड़ेंगे।


2.) ज्यादा मात्रा में storage

यह एक पूरा सर्वर रहता है इसलिए इसमें आपको प्रोसेसिंग पॉवर की तरह ही स्टोरेज की ही चिंता करने की कोई जरूरत नहीं इसमें आप जब मन चाहे अपनी मर्ज़ी से अपना storage बड़ा सकते हैं और इसमें आप अपनी जरूरत के हिसाब से स्टोरेज खरीद सकते हैं।


3.) Server grade Computing power

जाहिर सी बात है यह एक सर्वर होता है इसलिए आपको इसमें सर्वर जैसी performance तो देखने को मिलेगी ही और ऊपर से आप इसमें अपनी मर्ज़ी से केवल कुछ क्लिक्स करने पर ही आसानी से अपनी प्रोसेसिंग पॉवर और स्टोरेज बड़ा सकते हैं।


4.) कम कीमत

आपको Cloud computing में normally उसी अमाउंट के फिजिकल हार्डवेयर खरीदने से काफी सस्ती होती है इसके वैसे तो कई रीज़न है और साथ ही आपको इसमें मजबूरन ज्यादा चीज़े खरीदने की भी कोई जरूरत नहीं होती क्यूंकि इसमें आप उन्ही चीजों के लिए पैसे देते है जिनकी आपको जरूरत होती है जैसे अगर आपको 10 या 20 GB storage की जरूरत है तो इसमें आपको केवल इतने के ही पैसे देने पड़ेंगे इसके लिए आपको 500GB hard disk नहीं खरीदनी पड़ेगी।


Cloud Computing से हानि | Disadvantages


क्यूंकि आप अपना Data इन्टरनेट पर किसी और के हवाले कर रहे हैं इसलिए यहाँ पर सिक्यूरिटी की बात आती है हालाँकि अगर आपका Data किसी बड़ी कंपनी जैसे google, microsoft, amazon आदि के पास है तो इतने खतरे की बात नहीं है लेकिन अगर आप कम दामो के चक्कर में किसी भी कंपनी को अपना Data दे रहे हैं तो यह अच्छी बात नहीं है और यही पर आपको सावधानी रखनी चाहिए क्यूंकि आपका Data बहुत ही कीमती चीज़ है।


दोस्तों मुझे पूरी उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा लिखी गयी Cloud Computing क्या है? इस बारे में यह पोस्ट पसंद आई होगी और आपको Cloud computing कैसे काम करता है इसके क्या उपयोग है और इससे होने वाले लाभ व हानियाँ आदि के बारे में भी बहुत कुछ जानने को मिला होगा। इसके अलावा अगर आपका इस विषय में कोई सवाल अथवा सुझाव हो तो हमें निचे Comment करके जरूर बताएं और इस Post को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। इसके अलावा इस तरह की और भी Posts पड़ने के लिए Notifications को Allow करना ना भूलें।

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