Digital Signature क्या है? Hindi
हेल्लो दोस्तों, अगर आपने काफी कंप्यूटर पर documents से रिलेटेड काम किया है या MS Office का इस्तेमाल किया है तो आपने Digital Signature के बारे में तो सुना ही होगा यह काफी important चीज़ है और अगर आप Documents से related काम अक्सर करते रहते हैं तो आपके लिए यह एक बहुत ही जरूरी चीज़ है। अगर आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिलकुल ,सही जगह आएं हैं क्यूंकि इस पोस्ट में हम इसी बारे में बात करेंगे की Digital Signature क्या है? इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है और यह कैसे काम करता है तो बिना समय गवाए आइये बड़ते हैं इन सवालों की तरफ।
दोस्तों, technology दुनिया में बहुत ही तेजी से फ़ैल रही है और इसी के साथ ही हमारे कई काम Digital होते जा रहे हैं चाहे Email भेजना हो या फिर कंप्यूटर पर कोई डॉक्यूमेंट टाइप करना हो, Technology हमारी जिंदगी में तेजी से जगह बना रही है आजकल हम कई सारे काम technology के जरिये ही करते हैं और ऐसा कहना बिलकुल गलत नहीं होगा की हम अपना ज्यादातर टाइम टेक्नोलॉजी के साथ ही बिताते हैं फिर चाहे Computer के जरिये ऑफिस का जरूरी काम करना हो या Facebook पर अपने दोस्तों के साथ chat करनी हो। लेकिन इतना ही नहीं आजकल हम अपने बहुत ही ज्यादा जरूरी काम जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट या जरूरी फाइलें Technology के ही हवाले यानी अपने मोबाइल या कंप्यूटर में रखते हैं और जरूरत पड़ने पर इन्टरनेट का इस्तेमाल करके शेयर भी करते हैं।
लेकिन ऐसे में हमारे सामने Security को लेकर कई सारी बाते भी सामने आती है क्यूंकि इन्टरनेट पर कोई भी किसी के भी नाम से ID बनाकर अपनी पहचान छिपा कर किसी को कोई भी डॉक्यूमेंट भेज सकता है और इन सभी चीजों से काफी बड़ी मुसीबतें भी खड़ी हो सकती हैं और गलत फेहमियां भी पैदा की जा सकती हैं। कंप्यूटर के जरिये किसी भी डॉक्यूमेंट की नक़ल करना और किसी भी डॉक्यूमेंट को एडिट करना बहुत ही आसान है इन्ही सब चीजों से बचने के लिए एक बहुत ही खास चीज़ निकलकर सामने आती है जिसे हम Digital signature कहते हैं।
जैसा की आप इसके नाम से ही समझ पा रहे होंगे की यह एक तरह का signature है बिलकुल वैसे ही जैसे हम कागज़ के documents पर ऑथेंटिकेशन के लिए अपने signature करते हैं वैसे ही Digital Documents पर ऑथेंटिकेशन के लिए हम Digital Signature का इस्तेमाल करते हैं यह Digital Documents के लिए एक जरूरी चीज़ बन गया है और यह कानूनी तौर पर भी legal माना जाता है Digital signature का भी कानूनी रूप से उतना ही महत्व है जितना हमारे सामान्य signature का।
Digital signature के अंदर हमारी बहुत सारी जानकारी होती है जैसे Email address नाम और ऑथेंटिकेशन key आदि, यह सामान्य signatures से ज्यादा secure होता है एक कागज़ पर किये गए सिग्नेचर की नक़ल तो आसानी से की जा सकती है लेकिन digital signature का duplicate आसानी से generate नही किया जा सकता। Digital signature की मदद से ही हम identify कर पाते हैं की Document सही है या नहीं और अगर किसी अनजान नाम से आया है तो उसे किसने भेजा है।
Digital signature सरकारी रूप से भी पूरी तरह मान्य है इसे Information Technology Act 2000 के अनुशार पारित किया गया है और Information Technology के तेहत license प्रमाणित व्यक्ति ही इसे जरी कर सकता है।
हर डिजिटल सिग्नेचर की एक Expiry date भी होती है यानी हर digital signature को इस्टाल करने का एक specific टाइम होता है।
Digital signature को कभी-कभी Electronic signature भी कहा जाता है क्यूंकि यह Electronic signature के अंतर्गत आता है लेकिन हर Electronic signature digital signature नहीं होता। Digital signature हर एक signer के लिए बिलकुल Unique (अद्बितीय) होता है बिलकुल हाथ से किये गए signatures की तरह। ये एक विशिष्ट protocol PKI पर काम करते हैं जिसका मतलब है Public Key Infrastructure। Digital signature प्रोवाइडर इसी Interface का इस्तेमाल करके एक विशेष mathematical algorithm के जरिये दो numbers या दो keys generate करता है।
जिनमे से एक होता है public key और दूसरा होता है Private key। जब एक हस्ताक्षरकर्ता किसी डॉक्यूमेंट पर Digital signature करता है तो वह signature private key का इस्तेमाल करके किये जाते हैं जो हस्ताक्षरकर्ता के पास गुप्त रूप से सुरक्षित रखी होती है।
जब भी किसी Document को sign किया जाता है तब प्राइवेट key का इस्तेमाल करते समय mathematical algorithm द्वारा एक और data generate किया जाता है जिसे Hash कहते हैं और इस Hash data को encrypt करके document के साथ संलग्न कर दिया जाता है इसी Hash data के साथ और भी कई तरह की जानकारी जैसे document को कब एडिट किया गया था इसका समय और edit करने वाले का नाम ईमेल आदि भी संलग्न किये जाते हैं। ताकि अगर Document को बीच में कहीं एडिट भी किया जाए तो Digital signature अमान्य रहेंगे।
इसके बाद डॉक्यूमेंट कही भी भेजने या distribute करने के लिए रेडी हो चूका है।
अब जैसे ही sender उस डॉक्यूमेंट को किसी के पास भेजता है तो receiver को उस Document पर Hash function का इस्तेमाल करना पड़ेगा लेकिन अगर इस डॉक्यूमेंट को किसी capable program जैसे MS office में ओपन किया जाता है तो वह Automatic Hash को decrypt कर लेते हैं उसके बाद automatic document के आधार पर एक नया हैश generate किया जाता है जिसे decrypted hash से मिलाया जाता है और देखा जाता है की डॉक्यूमेंट को बीच में कहीं एडिट तो नहीं किया गया था।
#1.
अगर आपको भी अपने Documents digitally sign करके शेयर करना है? क्या आप भी चाहते हैं की आपके documents दुसरे लोगों द्वारा authenticate किये जाए या सीधे-सीधे कहें तो क्या आप भी Digital signature प्राप्त करना चाहते हैं अगर हाँ तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी चीजों को ध्यान में रखना होगा जो कुछ इस प्रकार है।
Digital signature obtain करने के लिए आपको सबसे पहले एक Digital certificate की जरूरत पड़ेगी Certificate Authority के द्वारा provide किये जाते हैं CA एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे Information Technology के एक्ट के तहत Digital certificate ओर signature provide करने के लिए license दिया जाता है। CA digital certificate generate करके उससे digital signature बनाकर आपको provide करता है।
इसके बदले आपको CA को fees देनी पड़ती है और Digital signature बनने में एक सप्ताह तक का टाइम लग सकता है।
#2.
अगर आप MS office इस्तेमाल करते हैं और आपको सिर्फ एक Personal Digital signature generate करना चाहते हैं तो आपको निचे दिए लिंक पर जाना होगा -
Digital signature का इस्तेमाल सिमित नहीं रह गया है इसे कई जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है जिसके कुछ उदहारण निम्न है -
दोस्तों, मुझे पूरी उम्मीद है की आपको मेरे द्वारा दी गयी Digital Signature क्या है? Hindi इस बारे में यह जानकारी पसंद आई होगी और Digital Signature क्या है? और यह कहाँ कहाँ इस्तेमाल होता है इस बारे में जानकारी मिल गयी होगी अब अगर आपको लगता है की यह पोस्ट आपको दोस्तों के काम भी आ सकती है तो इसे उनके साथ भी जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस बारे में कुछ जानने को मिले और अगर आप इस तरह की और भी जानकारी चाहते हैं तो हमें हमारे सोशल मीडिया accounts पर भी जरूर follow करें ताकि आप हमारी लेटेस्ट पोस्ट सबसे पहले पड़ पाएं।
इसके अलावा अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे कमेंट करके जरूर बताएं मुझे जान कर और उनका जवाब देकर मुझे बहुत ख़ुशी 😊 होगी। और अगर आपको इस ब्लॉग के बारे में कुछ जरूरी बताना है तो हमें हमारे Contact us पेज से भी भेज सकते हैं।
Digital Signature क्या है?
लेकिन ऐसे में हमारे सामने Security को लेकर कई सारी बाते भी सामने आती है क्यूंकि इन्टरनेट पर कोई भी किसी के भी नाम से ID बनाकर अपनी पहचान छिपा कर किसी को कोई भी डॉक्यूमेंट भेज सकता है और इन सभी चीजों से काफी बड़ी मुसीबतें भी खड़ी हो सकती हैं और गलत फेहमियां भी पैदा की जा सकती हैं। कंप्यूटर के जरिये किसी भी डॉक्यूमेंट की नक़ल करना और किसी भी डॉक्यूमेंट को एडिट करना बहुत ही आसान है इन्ही सब चीजों से बचने के लिए एक बहुत ही खास चीज़ निकलकर सामने आती है जिसे हम Digital signature कहते हैं।
जैसा की आप इसके नाम से ही समझ पा रहे होंगे की यह एक तरह का signature है बिलकुल वैसे ही जैसे हम कागज़ के documents पर ऑथेंटिकेशन के लिए अपने signature करते हैं वैसे ही Digital Documents पर ऑथेंटिकेशन के लिए हम Digital Signature का इस्तेमाल करते हैं यह Digital Documents के लिए एक जरूरी चीज़ बन गया है और यह कानूनी तौर पर भी legal माना जाता है Digital signature का भी कानूनी रूप से उतना ही महत्व है जितना हमारे सामान्य signature का।
Digital signature के अंदर हमारी बहुत सारी जानकारी होती है जैसे Email address नाम और ऑथेंटिकेशन key आदि, यह सामान्य signatures से ज्यादा secure होता है एक कागज़ पर किये गए सिग्नेचर की नक़ल तो आसानी से की जा सकती है लेकिन digital signature का duplicate आसानी से generate नही किया जा सकता। Digital signature की मदद से ही हम identify कर पाते हैं की Document सही है या नहीं और अगर किसी अनजान नाम से आया है तो उसे किसने भेजा है।
Digital signature सरकारी रूप से भी पूरी तरह मान्य है इसे Information Technology Act 2000 के अनुशार पारित किया गया है और Information Technology के तेहत license प्रमाणित व्यक्ति ही इसे जरी कर सकता है।
हर डिजिटल सिग्नेचर की एक Expiry date भी होती है यानी हर digital signature को इस्टाल करने का एक specific टाइम होता है।
Digital Signature कैसे काम करता है?
Digital signature kaise kaam karta hai |
Digital signature को कभी-कभी Electronic signature भी कहा जाता है क्यूंकि यह Electronic signature के अंतर्गत आता है लेकिन हर Electronic signature digital signature नहीं होता। Digital signature हर एक signer के लिए बिलकुल Unique (अद्बितीय) होता है बिलकुल हाथ से किये गए signatures की तरह। ये एक विशिष्ट protocol PKI पर काम करते हैं जिसका मतलब है Public Key Infrastructure। Digital signature प्रोवाइडर इसी Interface का इस्तेमाल करके एक विशेष mathematical algorithm के जरिये दो numbers या दो keys generate करता है।
जिनमे से एक होता है public key और दूसरा होता है Private key। जब एक हस्ताक्षरकर्ता किसी डॉक्यूमेंट पर Digital signature करता है तो वह signature private key का इस्तेमाल करके किये जाते हैं जो हस्ताक्षरकर्ता के पास गुप्त रूप से सुरक्षित रखी होती है।
जब भी किसी Document को sign किया जाता है तब प्राइवेट key का इस्तेमाल करते समय mathematical algorithm द्वारा एक और data generate किया जाता है जिसे Hash कहते हैं और इस Hash data को encrypt करके document के साथ संलग्न कर दिया जाता है इसी Hash data के साथ और भी कई तरह की जानकारी जैसे document को कब एडिट किया गया था इसका समय और edit करने वाले का नाम ईमेल आदि भी संलग्न किये जाते हैं। ताकि अगर Document को बीच में कहीं एडिट भी किया जाए तो Digital signature अमान्य रहेंगे।
इसके बाद डॉक्यूमेंट कही भी भेजने या distribute करने के लिए रेडी हो चूका है।
अब जैसे ही sender उस डॉक्यूमेंट को किसी के पास भेजता है तो receiver को उस Document पर Hash function का इस्तेमाल करना पड़ेगा लेकिन अगर इस डॉक्यूमेंट को किसी capable program जैसे MS office में ओपन किया जाता है तो वह Automatic Hash को decrypt कर लेते हैं उसके बाद automatic document के आधार पर एक नया हैश generate किया जाता है जिसे decrypted hash से मिलाया जाता है और देखा जाता है की डॉक्यूमेंट को बीच में कहीं एडिट तो नहीं किया गया था।
Digital signature के फायदें
- Authentication | प्रमाणीकरण - Digital signature का सबसे बड़ा फायदा यही है की इसकी मदद से किसी भी डॉक्यूमेंट का authentication किया जा सकता है और पता लगाया जा सकता है की यह डॉक्यूमेंट किसका है और सही है या गलत।
- गलत जानकारी पहुचने से रोकने में - डॉक्यूमेंट को sign करने पर अगर कोई उसे बाद में एडिट करके कुछ गलत कर दे तो ऐसी स्तिथि में Digital signature मान्य नहीं होता है और गलत इनफार्मेशन पहुचने से बचा जा सकता है।
- क्यूंकि Digital signature यूनिक होते हैं तो अगर कोई एक बार digital signature करता है तो उसके बाद वह उस बात को झुटला नहीं सकता।
- Digitally documents भेजने पर इंक और पेपर के इस्तेमाल को कम कर सकते हैं जिससे बातावरण और खर्च दोनों बचे रहेंगे।
अपना Digital Signature कैसे बनाये?
#1.
अगर आपको भी अपने Documents digitally sign करके शेयर करना है? क्या आप भी चाहते हैं की आपके documents दुसरे लोगों द्वारा authenticate किये जाए या सीधे-सीधे कहें तो क्या आप भी Digital signature प्राप्त करना चाहते हैं अगर हाँ तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी चीजों को ध्यान में रखना होगा जो कुछ इस प्रकार है।
Digital signature obtain करने के लिए आपको सबसे पहले एक Digital certificate की जरूरत पड़ेगी Certificate Authority के द्वारा provide किये जाते हैं CA एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसे Information Technology के एक्ट के तहत Digital certificate ओर signature provide करने के लिए license दिया जाता है। CA digital certificate generate करके उससे digital signature बनाकर आपको provide करता है।
इसके बदले आपको CA को fees देनी पड़ती है और Digital signature बनने में एक सप्ताह तक का टाइम लग सकता है।
#2.
अगर आप MS office इस्तेमाल करते हैं और आपको सिर्फ एक Personal Digital signature generate करना चाहते हैं तो आपको निचे दिए लिंक पर जाना होगा -
Digital Signature के uses
Digital signature का इस्तेमाल सिमित नहीं रह गया है इसे कई जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है जिसके कुछ उदहारण निम्न है -
- जरूरी जानकारी या Documents भेजने में।
- इनकम टैक्स और इससे रिलेटेड ऑनलाइन फॉर्म को Fill करने के लिए।
- Documents को वेरीफाई करने में।
- कॉन्ट्रैक्ट की E-signing के लिए।
इसके अलावा अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है तो मुझे कमेंट करके जरूर बताएं मुझे जान कर और उनका जवाब देकर मुझे बहुत ख़ुशी 😊 होगी। और अगर आपको इस ब्लॉग के बारे में कुछ जरूरी बताना है तो हमें हमारे Contact us पेज से भी भेज सकते हैं।
👉 अगर आप कंप्यूटर के बारे में और भी जानना चाहते है तो आप इन सारी posts को एक बार जरूर देखें मुझे उम्मीद है की आपको इनसे काफी कुछ जानने को मिलेगा।
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