Search Engine क्या है? हिंदी

Search Engine क्या है? हिंदी
Search Engine क्या है? हिंदी


हेल्लो दोस्तों, क्या आप जानते है की आप जो भी information इन्टरनेट पर सर्च करते है वो आपको पूरे इन्टरनेट से एक ही जगह पर कैसे आ जाता है क्या आपको पता है की सर्च इंजन क्या है? क्या आपको पता है की सर्च इंजन जैसे गूगल, याहू, बिंग आदि कैसे काम करते हैं? अगर नहीं तो कोई बात नहीं बस इस पोस्ट को आगे पड़ते रहिये क्यूंकि आज में इसी बारे में आपसे बात करने वाला हूँ की Search Engine होता क्या है और यह कैसे काम करता है। तो आइये जानते है इसके बारे।


Search Engine क्या है? हिंदी


दोस्तों जब भी आपके मन में कोई सवाल उठता है, जब भी आपको कोई confusion होती है या जब भी आपको कुछ पड़ना होता है तो आप उस समय Internet पर सर्च करते हो और आपको आपके सवाल का जवाब मिल जाता है और आपकी confusion भी दूर हो जाती है। यह बात तो ठीक है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की यह कैसे संभव हो पाता है की पूरे इन्टरनेट में से आपकी सर्च की हुई जानकारी बस कुछ पलो में ही आपतक पहुच जाती है और जबकि सारी जानकारी अलग-अलग जगह मौजूद होती है। तो आपको बता दूं की दोस्तों यही तो होता है सर्च इंजन यह जो आप सारा कमाल देखते है की कैसे सारे इन्टरनेट से जानकारी बस एक जगह इकठ्ठा हो जाती है यह सब कमाल सर्च इंजन का ही होता है।

मानो ना मानो सर्च इंजन हमारे जीवन का बहुत ही बड़ा हिसा बन गया है। क्यूंकि हमारे मन में सवाल आते ही हम सीधे उसे इन्टरनेट पर सर्च करते है और आजकल इन्टरनेट भी बहुत ज्यादा महँगा नहीं रह गया है। आजकल सभी इन्टरनेट से कोई भी जानकारी निकालने के लिए सीधे सर्च इंजन का ही इस्तेमाल करते है। क्यूंकि ऐसे हर एक वेबसाइट का एड्रेस याद रखना और उस पूरे एड्रेस को बिना किसी सर्च इंजन के ढूंढ पाना नामुमकिन है क्यूंकि इन्टरनेट का बिस्तार असीमित है और ऐसा बिलकुल भी पॉसिबल नहीं है की आपको सारी की सारी जानकारी बस एक ही वेबसाइट पर मिल जाए।

अब बात करते हैं सर्च इंजन के कुछ टेक्निकल टर्म्स और चीजों की। तो दोस्तों सर्च इंजन भी दुसरे सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम्स की तरह ही एक सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम ही है जो इन्टरनेट से बहुत सारा या यु कहें की लगभग सारा डाटा अपने पास एक Database में स्टोर करके रखता है और जब भी आप इसमें कुछ सर्च करते है जैसे सर्च इंजन क्या है तो यह अपने Database में देखता है की इस query से मिलते जुलते टर्म्स कितने है और कोन-कोन सी वेबसाइट पर उपलब्ध है और ढूँढने के बाद आपके सामने पेस कर देता है लेकिन इतने बड़े database से डाटा सर्च करने में यह जरा भर भी देर नहीं लगाता यह बस चंद मिलीसेकंड में लाखो रिजल्ट्स आपके सामने रख देता है और यही काम करने के लिए इसे बनाया गया है।

Search engine कैसे काम करता है?


दोस्तों, सर्च इंजन जैसे गूगल, याहू, बिंग आदि इन्टरनेट से सारा डाटा इकठ्ठा कर लेते है और उसी में से रिजल्ट ढूंढते है यह तो हम जान ही चुके है लेकिन यह अपना सारा काम कैसे करते है जैसे पूरे इन्टरनेट से इतना सारा डाटा और बो भी इतने कम समय में यह कोई छोटी बात नहीं है और यह कैसे पॉसिबल है इसी बारे में हम आगे बात करने बाले हैं।

दोस्तों, सर्च इंजन के काम करने की बात करने की बात करें तो सर्च इंजन के कामो को अलग-अलग भागो में बाटा गया है इसको इस तरह से भी बोल सकते हैं की सर्च इंजन अपने कामो को अलग-अलग टुकडो में करता है इसके कुल मिलकर तीन काम होते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं।

1. Crawling


यह सर्च इंजन का सबसे पहला और मूल काम है इस काम में सर्च इंजन हर नयी वेबसाइट पर विजिट करता है यह विजिट सर्च इंजन के ही हिस्से जिन्हें Crawlers या बोट्स भी कहते है उनके द्वारा की जाती है यह crawlers सारी नयी वेबसाइटस और नए webpages पर जाते है और उसका सारा डाटा रीड करते है इसके अलावा वे उस webpage पर उपलब्ध links पर भी जाते हैं और उन्हें भी ठीक से रीड करते हैं crawlers द्वारा webpage या वेबसाइट रीड करने की इस प्रोसेस को हम crawling कहते है जब भी सर्च इंजन के पास कोई नया पेज आता है या कोई नया पेज इन्टरनेट पर उपलब्ध होता है सर्च इंजन उसे तुरंत क्रॉल करते हैं crawling की यह प्रोसेस बहुत फ़ास्ट होती है।

Crawler लगभग एक सेकंड में ही सेकड़ो हज़ारो पेज रीड या क्रॉल कर लेते है। यह crawlers एक्चुअल में एक सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम ही होता है जो खुद थोडा बहुत सोच सकता है यह सर्च इंजन का बहुत ही ख़ास हिस्सा होता है क्यूंकि लिंक को यही पहचानता है की लिंक कैसा है इसे database में किस केटेगरी में रखा जाए। वैसे इसके बारे में एक्साक्ट तो नहीं बता जा सकता की हर सर्च इंजन की crawling प्रोसेस ऐसी ही होती है लेकिन जो भी पोपुलर सर्च इंजन है उनकी प्रोसेस ऐसी ही होती है।


2. Indexing


Indexing इस प्रोसेस का दूसरा काम है जहाँ पर crawlers के द्वारा भेजे गए डाटा की back end process करके इसको Database में स्टोर किया जाता है कहने का मतलब यह है की अब इस प्रोसेस के बाद crawlers द्वारा सेंड किया गया डाटा सर्च इंजन में इंडेक्स होना शुरू हो जाएगा लेकिन अभी पूरी तरह से नहीं क्यूंकि इन्टरनेट पर ऐसे कई आर्टिकल या मिलते जुलते वेबसाइट होते है जो एक ही सर्च query या कीवर्ड के सर्च करने पर आएं इसलिए सर्च इंजन को यह भी decide करना पड़ता है की नया यूआरएल या डाटा कहा पर स्टोर किया जाए इसलिए सर्च इंजन अभी उसे अभी अपने सर्च में शो नहीं करेगा सिर्फ अपने database में स्टोर करके रखेगा।


3. Ranking


सर्च इंजन का डाटा को सर्च में शो करने का यह सबसे बड़ा और जरूरी भाग है क्यूंकि इसी की बजह से आपको अपने सर्च रिजल्ट बहुत ही सटीक और सही दिख पाते है अब आपका जो डाटा crawlers द्वारा भेजा गया था वह Database में स्टोर है जिसे rank brain (जो की गूगल के पास है) या इससे मिलता दुसरे सर्च इंजन का प्रोग्राम उस डाटा को लेता है और बाकी के डाटा के साथ मिलाकर देखता है उसके बाद उसे इंडेक्स करता है उसे ठीक तरीके से पहचान कर की उसे कहाँ पर इंडेक्स करना है लेकिन यह कहानी यहाँ पर ख़तम नहीं होती है इसके बाद इंडेक्स किये गए URLs को फोकस किया जाता है और उन्हें देखा जाता है की किस तरह से वह अपडेट होते है उनपर क्लिक करने के बाद यूजर उनपर कितनी देर रुकते है और कोंसे URL पर यूजर ज्यादा क्लिक कर रहे है इस हिसाब से बार बार वेबसाइट की रैंकिंग बदलती रहती है।

लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं रैंकिंग के लिए सर्च इंजन के पास कई सारे फैक्टर्स होते हैं जैसे आपकी वेबसाइट को कितने वेबसाइट ने लिंक दिया है आपकी वेबसाइट सोशल मीडिया पर कितनी पोपुलर है आदि। ये सिर्फ कुछ बेसिक बाते ही है की एक सर्च इंजन कैसे काम करता है।

Search इंजन का इतिहास


Search engines की history की बात करें तो दुनिया का सबसे पहला search engine सन 1990 में लांच हुआ था जिसे Alan Emtage नाम के एक कॉलेज स्टूडेंट ने बनाया था जो उस समय McGill नाम की यूनिवर्सिटी में अपनी स्टडी कर रहे थे। इसके बाद 1993 में Excite नाम का सर्च इंजन लांच किया गया जिसे 6 क्षात्रो ने मिलकर बनाया था। इसके बाद सन 1994 में याहू आया था जो काफी अच्छा सर्च इंजन था जिसे Jerry Yang और David Fello ने मिलकर बनाया था। इसके बाद ही शुरुआत हुई थी Google की, Google इस शब्द ने एक verb यानी क्रिया के रूप में Oxford Dictionary में अपनी जगह बनाई है। मानो या ना मानो गूगल सबसे फेमस और सबसे अच्छा सर्च इंजन बन गया है जिसे आजकल हर कोई इस्तेमाल करता है यह हमारी जिन्दगी का एक जरूरी हिस्सा बन गया है Google की शुरुआत 1995 में Larry page और Sargey brin जो Standford University ऑफ़ California के क्षात्र थे उन्होंने किया था Google का नाम शुरुआत में BACKRUB रखा गया था जिसे बाद में Google किया गया और अब यह इसी नाम से वर्ल्डवाइड फेमस है।


दोस्तों, उम्मीद है की आपको मेरे द्वारा लिखी गयी Search Engine क्या है? हिंदी इस बारे में यह पोस्ट पसंद आई होगी और साथ में google और बाकी सर्च इंजन के बारे में काफी चीज़ें जानने को मिली होंगी अगर आपको इस बारे में सच में कुछ जानने को मिला है तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें जिससे वह भी इस बारे में जान सकें। इसके अलावा अगर आप ऐसी ही पोस्ट और भी चाहते हैं तो हमें हमारे social media एकाउंट्स पर भी जरूर फॉलो करें जिससे आप हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से अपडेटेड रहें।

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