Operating System (OS) क्या है (हिंदी में)?
Operating System (OS) क्या है?
Operating System kya hai |
दोस्तों, कंप्यूटर दो चीजों के मिलने से चलता है एक हार्डवेयर और दूसरा सॉफ्टवेयर इन सभी चीजों के बारे में तो हम पहले ही बात कर चुके है अगर आपको इनके बारे में नहीं पता तो आप निचे दिए लिंक पर क्लिक करके पड सकते है।
जैसा की मैंने पहले भी बताया सॉफ्टवेयर के भी दो types होते है सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर हमारे बेसिक tasks के लिए होते है इनके बिना कंप्यूटर चल सकता है कुछ बेसिक टास्क कर सकता है लेकिन कंप्यूटर को चालु होने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर का होना जरूरी है उन्ही सिस्टम सॉफ्टवेयर का एक मेजर पार्ट होता है Operating system।
Operating system के बिना कंप्यूटर का हम किसी तरह से भी उपयोग नहीं कर सकते। कंप्यूटर को रन और बूट (चालू) होने के लिए operating system का होना जरूरी है। operating system कंप्यूटर को उपयोग करने योग्य बनाने के लिए बहुत सारे फंक्शन देता है दुसरे शब्दों में कहें तो operating system कंप्यूटर और इंसान के बीच का एक (Interface) माध्यम है जिसके जरिये हम कंप्यूटर के हार्डवेयर को तरह-तरह के आदेश दे पाते है। Operating System का सबसे बड़ा उदहारण Microsoft Windows है।
जब भी आप अपने कंप्यूटर को चालु करते है तो सबसे पहले आपके कंप्यूटर का operating system ही लोड होता है क्यूंकि बाकी के सॉफ्टवेयर इसके बिना चल ही नहीं सकते। दुनिया का सबसे पहला operating system सन 1956 में IBM द्वारा बनाया गया था जिसका नाम GM-NAA I/O था।
Example of Operating Systems
Example of Operating Systems |
- Windows 7
- Windows XP
- Windows 8
- Windows 10
- Android KitKat
- Linux
- Mac OS X
- macOS
- Unix
Operating system के काम (फंक्शन)।
Operating system के कुछ ऐसे काम भी होते है जिन्हें करवाने के लिए हमे operating system को बताना नहीं पड़ता वह अपने आप ही कर लेता है अपने कुछ फंक्शनस् की मदद से जैसे आप अपने कंप्यूटर में USB लगाते हैं तो वह तुरंत आपके कंप्यूटर में शो हो जाती है उसके लिए आपको उसे बताना नहीं पड़ता। कंप्यूटर के कुछ ऐसे ही कामो की लिस्ट निचे दी गयी है।#1. Memory management
हमारे कंप्यूटर के अंदर दो तरह की मेमोरी होती है पहली वह जिसे हम अपना डाटा रखने के लिए उपयोग में लेते इसे secondary memory भी कहते है जैसे hard disk, pen drive आदि।इसके आलावा कंप्यूटर में एक और मेमोरी होती है जिसे हम तो डायरेक्टली use नहीं करते लेकिन कंप्यूटर करता है इसे RAM कहते है यह primary memory या main memory भी कहलाती है यह मेमोरी सेकंड्री मेमोरी से काफी तेज होती है और काफी मेहेंगी भी इसलिए एक लिमिटेड मात्रा में ही हम इसका उपयोग करते है इसका उपयोग तब ही होता है जब हम कोई program रन करते है हमारा CPU इसी मेमोरी से प्रोसेस करने के लिए डाटा लेता है और जितने भी program रन होते है वो RAM ही होते है और इन सभी programs को हमारा operating system ही manage करता है।
यह operating system ही decide करता है की RAM में कोनसा डाटा कहाँ जाना चाहिए कोनसा program रन होना चाहिए और कोनसे program को RAM में से हटा देना चाहिए यही सब काम memory management के अंतर्गत आते है।
इसके बारे में और भी जानने के लिए देखे। ..ROM क्या है? और यह कहाँ होता है? | RAM और ROM में अंतर
#2. File management
हम अपने कंप्यूटर में जो भी डाटा रखते है वो सभी फाइल्स के फॉर्म में रखते है और यह सारी फइलें directories यानी फ़ोल्डर्स के अंदर रखते है।operating system इन सभी फाइल्स को संघठित करके या manage करके रखता है। फाइल में अपने डाटा के साथ साथ और भी बहुत सारी जानकारी save होती है जैसे फाइल का नाम फाइल की modifying date, फाइल की location, फाइल के status और भी बहुत सारी चीज़े जिन्हें operating system संभालता है और यही चीज़े फाइल management के अंतर्गत आती है।
#3. Device management (Input/output management)
हमारे कंप्यूटर में तरह तरह के devices का use भी करते है। जिनमे से कुछ device ऐसे होते है जिन्हें हम जरूरत ना पड़ने पर निकाल लेते है और जरूरत पड़ने पर लगा देते है। कंप्यूटर में दो तरह के devices होते है input और output। input devices के जरिये हम कंप्यूटर को टास्क देते है और operating system उस टास्क को प्रोसेसर से पूरा कवाता है और output devices के जरिये हमे उसका परिणाम दे देता है।जैसे हम keyboard के जरिये एक input देंगे तो operating सिस्टम use प्रोसेस करा कर डिस्प्ले पर output करा देगा इसके अलावा operating system हर device को ट्रैक करता है और जरूरत पड़ने पर devices को allocate और de-allocate करता है।
#4. Process management
कंप्यूटर प्रोसेस CPU की मदद से ही कर पाता है और CPU हमारे कंप्यूटर में बस एक ही होता है लेकिन आजकल हम multiprocessing का ज़माना है और multi प्रोसेसिंग की बजह से ही हम अपने काम जल्दी कर पाते है इसी चीज़ के लिए हमे जरूरत पड़ती है प्रोसस्सेस को manage करने की और यह काम हमारे लिए हमारा operating system करता है हमारा operating system processor यानी CPU को देखता है की उसको कब कोनसा प्रोसेस देना है।
Operating System के प्रकार (Types)।
Single batch processing OS
Operating system का यह सबसे पुराना टाइप है इस OS को टास्क अलग से देना पड़ता था मतलब की आप इससे डायरेक्ट interact नहीं कर सकते थे आपके आपके टास्क की एक अलग फाइल बनाकर देनी पड़ती थी जिसे यह प्रोसेस करता था।
Multiprocessor system
यह system बहुत सारे processors को हैंडल करता है जो एक ही मेमोरी से कनेक्टेड है। इस सिस्टम में computing power बहुत ज्यादा होती है जिसके कारण हम बहुत सारे काम एक साथ करा सकते है। इस system की बजह से ही हम बहुत बड़े बड़े टास्क या प्रोसस्सेस जिन्हें करने में बहुत ज्यादा टाइम लगता था उन्हें चुटकियों में कर सकते है।Distributed Operating System
जैसा की नाम से ही पता चलता है इस operating सिस्टम को नेटवर्क के जरिये अलग अलग users को डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है जिससे वे अपना काम आसानी से कर सके इस operating system से host पर लोड नहीं आता क्योंकि लोड भी अभी कंप्यूटर पर डिस्ट्रीब्यूट हो जाता है।Real-time operating system
Real-time OS को क्रिटिकल टास्क करने के लये बनाया गया है मतलब की कुछ ऐसे टास्क जिनको दिए हुए टाइम में करना ही है जैसे मिसाइल या राकेट लांच war के द्वारान कम्युनिकेशन करना आदि। Real-time operating system दो तरह के होते है एक hard real-time और दुसरे soft real-time. जो OS दिए हुए काम को दिए हुए टाइम में कम्पलीट कर दे उसे hard real-time os कहते है और जो नए टास्क को प्रायोरिटी देता है उसे soft real time os कहते है।
Operating system के user interface (UI)।
Operating system में दो तरह के UI होते है आइये जानते है इनके बारे में।Command Line interface (CLI)
Command line interface पुराने जमाने में use किया जाने वाला interface है इसे पुराने operating system जैसे MSDOS, unix आदि में इस्तेमाल किया जाता था इस interface में हम कंप्यूटर को टास्क command के जरिये लिखकर देते थे। हमें हर command याद रखना पड़ता था जब भी हमें कोई काम करवाना होता है हम कंप्यूटर को command लिखकर बताते थे। इसमें बिलकुल भी flexibility नहीं थी और इसे use करना भी कागी कठिन था।Graphical user interface (GLI)
Graphical user interface की बजह से ही आजकल हर कोई कंप्यूटर इस्तेमाल कर पाटा है इसने कंप्यूटर को flexible, सरल और साधारण बना दिया है जिसके कारण आजकल हर कोई कंप्यूटर इस्तेमाल कर रहा है। GUI की बजह से ही हम अपने कंप्यूटर को इतनी आसानी से control कर पाते है। GUI के कुछ उदाहरण है Windows 7, macOS, android, linux।दोस्तों, आज की Post में हमने जाना की Operating System (OS) क्या है? साथ ही हमने Operating system प्रकार और फंक्शन के बारे में भी जाना। उम्मीद है की आपको यह Post पसंद आई होगी और काफी कुछ नया सीखने को मिला होगा। अगर आपका इस विषय में कोई भी सवाल या सुझाव है तो हमें निचे Comment में जरूर बताएं और इस Post को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर Share करें।
धन्यबाद। ....
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